शॉर्ट टर्म में खरीदे ये 5 स्टॉक, रेट कट से होगा फायदा जाने डिटेल्स। Stocks to Buy

Stocks to Buy: RBI की हाल की रेपो रेट कट के बाद बैंक, NBFC, ऑटो और हाउसिंग जैसे रेट सेंसिटिव सेक्टरों में शॉर्ट टर्म में बेहतर रिटर्न की संभावना बढ़ गई है। निवेशकों के लिए यह अच्छा मौका है कि वे ऐसे स्टॉक्स में प्लान बनाकर एंट्री करे, जिससे शॉर्ट टर्म में अच्छा मुनाफा मिलेगा।

RBI की रेपो रेट कट

दिसंबर 2025 की मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.25% कर दी है, जिससे पूरे साल 2025 में कुल 100–125 बेसिस प्वाइंट की कट हो चुकी है। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की EMI धीरे-धीरे घटने लगती है और क्रेडिट ग्रोथ तेज होती है।

रेट कट के बाद बाजार में रेट सेंसिटिव सेक्टरों में तुरंत पॉजिटिव रिएक्शन दिखा है, खासकर बैंकिंग, NBFC, ऑटो और रियल एस्टेट इंडेक्स में खरीदारी देखने को मिली है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर महंगाई कंट्रोल में रही और ग्रोथ मजबूत बनी रही तो ये सेक्टर अगले कुछ क्वार्टर तक बेहतर प्रदर्शन जारी रख सकते हैं।

रेट सेंसिटिव सेक्टरों पर सीधा असर

बैंकिंग सेक्टर पर रेट कट का सबसे सीधा असर दिखता है क्योंकि बैंकों की पूरी कमाई लोन पर मिलने वाले ब्याज और डिपॉज़िट पर दिए जाने वाले ब्याज के अंतर यानी NIM पर निर्भर करती है। रेट कट के बाद शॉर्ट टर्म में NIM पर थोड़ा दबाव आ सकता है, लेकिन क्रेडिट ग्रोथ तेज होने और लोन डिमांड बढ़ने से वॉल्यूम ग्रोथ NIM के दबाव की भरपाई कर सकती है।

NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए रेट कट और भी पॉजिटिव होती है क्योंकि ये कंपनियां खुद भी बैंकों या बॉन्ड मार्केट से फंडिंग लेती हैं, जहां उनकी लागत घटती है और साथ ही रिटेल कस्टमर के लिए EMI भी सस्ती होती है। ऑटो सेक्टर में टू-व्हीलर, फोर-व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल की फाइनेंसिंग कॉस्ट घटने से डिमांड में सुधार देखने को मिलता है, जो आगे चलकर बिक्री और मार्जिन दोनों पर अच्छा असर डाल सकता है।

Bajaj Auto

Bajaj Auto पहले से ही मजबूत बैलेंस शीट, कैश-रिच प्रोफाइल और एक्सपोर्ट बिजनेस की वजह से ऑटो सेक्टर के पसंदीदा स्टॉक्स में से एक रहा है। कंपनी का स्टॉक एक कंसोलिडेशन फेज में चल रहा है और टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक स्टॉक 9,110 और 9,250 के ऊपर स्टॉक निकलता है तो 9,650 के स्तर तक नई तेजी देखने को मिल सकती है, जबकि नीचे की ओर 8,780 के आसपास मजबूत सपोर्ट है।

रेपो रेट कट के बाद टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर लोन की EMI कम होने की उम्मीद है, जिससे एंट्री-लेवल सेगमेंट के ग्राहकों के लिए वाहन खरीदना आसान हो सकता है और वॉल्यूम ग्रोथ में मदद मिल सकती है। लंबे समय के लिए कई ब्रोकरेज हाउस ने Bajaj Auto पर खरीद की रेटिंग बनाए रखी है और 20% तक की अपसाइड वाले टार्गेट दिए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि वेल्यूएशन अभी भी कई एनालिस्ट्स के नजरिए से आकर्षक माना जा रहा है।

IndusInd Bank

प्राइवेट सेक्टर बैंक जैसे IndusInd Bank के लिए रेट कट दो तरफा असर लेकर आता है, एक तरफ लोन की डिमांड बढ़ती है और दूसरी तरफ डिपॉज़िट पर ब्याज दरों को एडजस्ट करने में समय लगने से NIM पर हल्का दबाव आता है। टेक्निकल डेटा के अनुसार IndusInd Bank का स्टॉक 30‑EMA के ऊपर ट्रेड कर रहा है और 827–873 की रेंज में कंसोलिडेट कर रहा है, जहां 873 के ऊपर ब्रेकआउट होने पर 907 और 940 तक की शॉर्ट टर्म तेजी संभव मानी जा रही है, जबकि 840 और 827 के स्तर सपोर्ट के रूप में देखे जा रहे हैं।

रेट कट के बाद बैंकिंग इंडेक्स में जो तेजी दिखी है, वह इस उम्मीद पर टिकी है कि क्रेडिट ग्रोथ मजबूत रहेगी और स्लिपेज यानी खराब लोन पर कंट्रोल रहेगा, खासकर रिटेल और वाहन ऋण जैसे पोर्टफोलियो में। निवेशक के लिए जरूरी है कि वे सिर्फ रेट कट नहीं बल्कि बैंक की एसेट क्वालिटी, CASA रेशियो और रीटेल लोन हिस्सेदारी को भी ध्यान में रखकर ही निवेश निर्णय लें।

Axis Bank

Axis Bank जैसी बड़ी प्राइवेट बैंकें मजबूत कैपिटल बेस, बेहतर टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और रीटेल–कॉरपोरेट लोन के बैलेंस्ड मिक्स की वजह से रेट कट साइकिल में अच्छे परफॉर्मर मानी जाती हैं। टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक Axis Bank का स्टॉक लंबे समय से अपट्रेंड में है और 1,200 के ऊपर टिके रहने से मोमेंटम पॉजिटिव बना हुआ है, जहां शॉर्ट टर्म के लिए लगभग 1,367 के आसपास का टार्गेट और 1,233 के आसपास का स्टॉप लॉस देखा जा रहा है।

RBI की ताजा पॉलिसी में GDP ग्रोथ फोरकास्ट को भी मजबूत रखा गया है, जिससे बड़े प्राइवेट बैंकों के लिए क्रेडिट डिमांड जारी रहने की संभावना बढ़ जाती है और वैल्यूएशन को सपोर्ट मिलता है। हालांकि रेट कट के चलते फंडिंग कॉस्ट में गिरावट की रफ्तार और लोन रेट में कटौती के टाइमिंग के बीच अंतर रहने पर शॉर्ट टर्म में मार्जिन पर थोड़ा असर पड़ सकता है, जिसे निवेशक को समझकर ही पोजिशन बनानी चाहिए।

TVS Motor Company

TVS Motor Company ने हाल के क्वार्टर में मजबूत रिजल्ट दिखाए हैं, जहां सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट लगभग 42% साल दर साल बढ़कर 833 करोड़ रुपये तक पहुंचा है और रेवेन्यू में भी करीब 25% की ग्रोथ दर्ज की गई है। कंपनी का EBITDA मार्जिन भी बेहतर हुआ है, जो यह दिखाता है कि हाई वॉल्यूम के साथ-साथ कॉस्ट कंट्रोल और बेहतर प्रोडक्ट मिक्स से प्रॉफिटेबिलिटी में भी सुधार हो रहा है।

नवंबर 2025 में TVS Motor की कुल बिक्री 5.19 लाख यूनिट तक पहुंच गई, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 30% की ग्रोथ दिखाती है और यह संकेत देती है कि घरेलू और एक्सपोर्ट दोनों मार्केट में डिमांड अच्छी बनी हुई है। टेक्निकल नजरिए से स्टॉक साप्ताहिक चार्ट पर मजबूत अपट्रेंड में है, 12‑वीक EMA के ऊपर ट्रेड कर रहा है और RSI 60 से ऊपर है, जिससे मोमेंटम पॉजिटिव माना जा रहा है और शॉर्ट टर्म में 4,010 जैसे ऊपरी स्तरों की ओर मूव की संभावना बताई जा रही है।

Bajaj Finance

Bajaj Finance देश की सबसे बड़ी और पॉपुलर NBFC में से एक है, जो कंज्यूमर लोन, पर्सनल लोन, SME फाइनेंस और डिजिटल लेंडिंग जैसे कई सेगमेंट में मजबूत उपस्थिति रखती है। रेट कट NBFC के लिए खास तौर पर फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इनके लिए बॉरोइंग कॉस्ट घटती है और अगर ये लोन रेट में कटौती धीरे–धीरे करती हैं तो नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर पॉजिटिव असर दिख सकता है।

टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक Bajaj Finance का स्टॉक हाल के लो लेवल्स से रिकवर करके 21‑EMA के ऊपर टिकने में सफल रहा है और RSI भी मोमेंटम के मजबूत होने का संकेत दे रहा है, जहां शॉर्ट टर्म के लिए 1,150 के आसपास का टार्गेट और 1,018 के आसपास का स्टॉप लॉस कई एक्सपर्ट्स ने सुना है। हालांकि रिटेल और अनसिक्योर्ड लोन में एक्सपोजर को देखते हुए इस स्टॉक में वोलैटिलिटी भी ज्यादा रह सकती है, इसलिए निवेशक को अपनी रिस्क प्रोफाइल के मुताबिक ही पोजिशन साइज तय करना चाहिए।

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